नेपाल में उथल-पुथल: क्यों भड़की GEN-Z की नाराज़गी?
नेपाल इस वक्त भारी राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल से गुजर रहा है। हालात इतने बिगड़ गए हैं कि देश की राजधानी काठमांडू हिंसा और प्रदर्शन की आग में झुलस रही है।
संसद और राष्ट्रपति भवन पर हमला

प्रदर्शनकारियों का गुस्सा इस कदर भड़का कि वे सीधे संसद भवन और राष्ट्रपति भवन में घुस गए। दोनों ही भवन आगजनी की चपेट में आ चुके हैं। यह दृश्य पूरी दुनिया के सामने नेपाल की राजनीतिक अस्थिरता को उजागर कर रहा है।
क्यों भड़की GEN-Z?
नेपाल की नई पीढ़ी, खासकर GEN-Z, लंबे समय से बेरोज़गारी, महंगाई और भ्रष्टाचार से परेशान है।
- महंगाई लगातार आसमान छू रही है।
- नौकरी के अवसर लगभग ठप हो चुके हैं।
- नेताओं की कथनी और करनी में अंतर ने युवाओं का भरोसा तोड़ दिया है।
यही वजह रही कि प्रदर्शन धीरे-धीरे हिंसक होते चले गए।
नेताओं पर हमला और बढ़ती अराजकता
वित्त मंत्री तक को प्रदर्शनकारियों ने निशाना बनाया। उन्हें सड़कों पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। यह स्थिति बताती है कि जनता का गुस्सा केवल नीतियों पर ही नहीं बल्कि पूरे राजनीतिक तंत्र पर है।
नेपाल बनाम श्रीलंका और बांग्लादेश
विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल के हालात अब श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे संकटग्रस्त देशों से भी ज्यादा खराब होते जा रहे हैं।
- श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण जनता ने राष्ट्रपति भवन पर धावा बोला था।
- बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता ने लंबे समय तक अशांति फैलाई।
नेपाल भी अब उसी राह पर चलता नजर आ रहा है।
आगे का रास्ता क्या?
नेपाल सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है –
- युवाओं का विश्वास दोबारा जीतना,
- भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना,
- रोजगार और स्थिरता की दिशा में ठोस कदम उठाना।
यदि जल्द ही सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो नेपाल गहरे राजनीतिक और आर्थिक संकट में फंस सकता है।
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